Hindi Vyakaran की इस सीरीज में Visheshan Kise Kahate Hain, Visheshan Ke Bhed हिंदी मेंउदाहरण सहित बिलकुल ही आसान तरीके से सीखेंगे।
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Visheshan Kise Kahate Hain – परिभाषा
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्द की खूबी को बताएं विशेषण कहलाते हैं।
जैसे-
- यह कौवा काला है।
- आम मीठा है।
ऊपर लिखे हुए वाक्यों में काला व मीठा शब्द कौवा (संज्ञा ) व आम (संज्ञा ) की विशेषता को बताते हैं, अतः ये विशेषण हैं।
विशेष्य (Visheshya)
जिस शब्द की खूबी बताई जाये, उसे विशेष्य कहते हैं।
जैसे- ऊपर लिखे हुए उदाहरण में कौवा और आम विशेष्य हैं क्योंकि इन्हीं की खूबी बतायी जा रही है।
प्रविशेषण
ऐसे शब्द जो विशेषण की खूबी बताते हैं, प्रविशेषण कहलाते हैं।
जैसे-
- लड़का बहुत अच्छा है।
- तुम ज्यादा चालाक हो।
ऊपर लिखे हुए वाक्यों में बहुत और ज्यादा शब्द अच्छा तथा चालाक (विशेषण)की खूबी को बताते हैं, अतः ये प्रविशेषण है।
विशेषण के प्रकार
विशेषण निम्न 5 प्रकार होते हैं –
1. गुणवाचक विशेषण (Gunvachak Visheshan)
2. संख्यावाचक विशेषण (Sankhya Vachak Visheshan)
3. परिमाणवाचक विशेषण (Pariman Vachak Visheshan)
4. संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण (Sanket Vachak Visheshan)
5. व्यक्तिवाचक विशेषण (Vyakti Vachak Visheshan)
1. गुणवाचक Visheshan Kise Kahate Hain
जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के गुण या दोष का बोध (ज्ञान) हो उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं । ये विशेषण भाव, रंग, दशा, आकार, समय, स्थान, काल आदि से सम्बन्धित होते हैं ।
उदाहरण से समझें –
गुण- वह एक अच्छा लड़का है।
रंग- यह कलम लाल है।
आकार- रोटी गोल है।
अवस्था- भूखे पेट नहीं रहना चाहिए।
विशेषण में इनके कुछ मुख्य रूप इस प्रकार हैं –
गुण- भला, उचित, अच्छा, ईमानदार, सरल, बुद्धिमानी, सच्चा, दानी, न्यायी, सीधा, शान्त आदि।
दोष– बुरा, अनुचित, झूठा, क्रूर, कठोर, घमंडी, बेईमान, पापी आदि।
रूप/रंग- लाल, पीला, नीला, हरा, सफेद, काला, बैंगनी, सुनहरा, चमकीला, आदि।
आकार- गोल, चौकोर, नुकीला, लम्बा, चौड़ा, सीधा, तिरछा, बड़ा, छोटा, चपटा, ऊँचा, मोटा, पतला आदि।
स्वाद- मीठा, कड़वा, नमकीन, तीखा, खट्टा आदि।
दशा/अवस्था- दुबला, पतला, मोटा, भारी, पिघला, गाढ़ा, गीला, सूखा, घना, गरीब, रोगी, स्वस्थ, कमजोर, हल्का, बूढ़ा आदि।
स्थान- भीतरी, बाहरी, उपरी, सतही, पूरबी, पछियाँ, दायाँ, बायाँ, क्षेत्रीय आदि।
काल- नया, पुराना, ताजा, भूत, वर्तमान, भविष्य, अगला, पिछला, टिकाऊ, वार्षिक, मासिक आदि।
स्थिति/दिशा- निचला, ऊपरी, उत्तरी, पूर्वी आदि।
स्पर्श- मुलायम, सख्त, ठंड, गर्म, कोमल, ख़ुरदरा आदि।
2. संख्यावाचक Visheshan Kise Kahate Hain
वे विशेषण जो संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध कराते हैं, संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे –
- घर में आठ लोग हैं।
- तीनों बहनें चतुर हैं।
- चाचा ने दूसरी शादी कर ली ।
- मिठाइयां हरेक को दो।
ऊपर लिखे हुए वाक्यों में आठ, तीनों, दूसरी और हरेक शब्द संख्यावाचक विशेषण हैं।
संख्यावाचक विशेषण के 2 इस प्रकार हैं –
- निश्चित संख्यावाचक विशेषण
- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
1. निश्चित संख्यावाचक विशेषण
वे विशेषण जिससे विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध हो, निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण से समझें –
- मेरी कक्षा में बीस छात्र हैं।
- घर में एक कमरा है।
- आसमान में दो चिड़ियाँ उड़ रही हैं।
- बारात में सौ लोग थे।
इन सभी वाक्यों में विशेष्य(जिसकी विशेषता बताई जाए) की एक निश्चित संख्या बताई जा रही है।
2. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
वे विशेषण जिससे विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध न हो, वे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।
- गर्मी से कुछ लोग बेहोश हो गए।
- पार्टी में बहुत कम लोग थे।
- कुछ खाकर स्कूल जाना।
- कुछ देर बाद आना।
इन सभी वाक्यों में विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध नहीं हो रहा है?
निश्चित संख्यावाचक विशेषण 5 प्रकार के होते हैं –
1. गणनावाचक – एक, दो, तीन।
2. क्रमवाचक – पहला, दूसरा, तीसरा।
3. आवृत्तिवाचक – दूना, तिगुना, चौगुना।
4. समुदायवाचक – दोनों, तीनों, चारों।
5. प्रत्येकबोधक – प्रत्येक, हर-एक, दो-दो, सवा।
गणनावाचक संख्यावाचक विशेषण के भी 2 भेद हैं –
1. पूर्णांकबोधक विशेषण-
जैसे- एक, दो, चार, सौ, हजार।
2. अपूर्णांकबोधक विशेषण-
जैसे- पाव, आध, पौन, सवा
3. परिमाणवाचक विशेषण
जिस विशेषण से किसी वस्तु की माप अथवा तौल का बोध हो, परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
जैसे –
- राम ने पांच मीटर कपड़ा लिया ।
- उस दो किलो चावल चाहिए ।
- प्यास लगी है थोड़ा पानी दो ।
ऊपर लिखे हुए वाक्यों में पांच मीटर, दो किलो, थोड़ा शब्द परिमाणवाचक विशेषण हैं ।
परिमाणवाचक विशेषण के 2 भेद निम्न होते हैं –
1. निश्चित परिमाणवाचक
जिस विशेषण शब्द से किसी वस्तु की निश्चित माप-तौल का बोध हो, उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं ।
जैसे- दो सेर आटा, पांच मीटर रुमाल, एक किलो भेली।
2. अनिश्चित परिमाणवाचक
जिस विशेषण से किसी वस्तु की निश्चित माप-तौल का बोध न हो, उसे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं ।
जैसे – थोड़े पैसे और ज्यादा काम, अधिक दूध।
4. सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण
ऐसे शब्द जो सर्वनाम होकर भी किसी संज्ञा से पहले आकर उसकी विशेषता को बताएं, उन्हें संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहते है।
जैसे-
- वह लड़का नहीं आया।
- यह किताब अच्छी है।
यहाँ पर लड़का और किताब संज्ञाओं के पहले विशेषण के रूप में वह और यह सर्वनाम आये हैं।
सार्वनामिक विशेषण के भी 2 भेद होते हैं –
1. मौलिक सार्वनामिक विशेषण
जो सर्वनाम बिना रूपान्तर(बदलाव) के संज्ञा के पहले आते हैं।
जैसे –
- यह कमरा।
- वह लड़की।
- कुछ विद्यार्थी।
2. यौगिक सार्वनामिक विशेषण
जिन्हें मूल सर्वनामों में प्रत्यय लगाने से बनाया जाता है।
जैसे-
- ऐसा लड़का।
- कैसा कमरा।
- जैसा देश।
5. व्यक्तिवाचक Visheshan
जो विशेषण शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा से बनते हैं, उन्हें व्यक्तिवाचक विशेषण कहते है।
जैसे-
- इलाहाबाद से इलाहाबादी
- बिहार से बिहारी
- गोरखपुर से गोरखपुरी।
विशेष्य और Visheshan में सम्बन्ध
विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं और जिसकी विशेषता बतायी जाए उसे विशेष्य कहते हैं।
विशेषण का प्रयोग 2 प्रकार से होता है-
1) कभी विशेषण विशेष्य के पहले आता है।
2) और कभी विशेषण विशेष्य के बाद आता है।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु –
1) विशेषण के लिंग, वचन विशेष्य के लिंग, वचन के अनुसार होते हैं।
जैसे-
- अच्छे लड़के पढ़ते हैं।
- पायल अच्छी लड़की है।
- मोहन गंदा लड़का है।
2) अगर एक ही विशेषण के बहुत विशेष्य हों तो विशेषण के लिंग व वचन नजदीकी विशेष्य के लिंग, वचन के अनुसार होंगे।
जैसे-
- नये लड़के और लड़कियां।
- नयी धोती और कुरता।
Visheshan की अवस्थायें
विशेषण की निम्न 3 अवस्थायें हैं –
1. मूलावस्था
जिन विशेषणों का प्रयोग किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण व दोष बताने के लिए किया जाए, तो वह विशेषण की मूलावस्था कहलाती है।
इसके अन्तर्गत विशेषण का दूसरे किसी विशेषण से तुलना (comparison) न होकर सीधे व्यक्त होता है।
जैसे –
सीता सुंदर लड़की है।
आसमान में पीली पतंग उड़ रही है।
मोहन अच्छा लड़का है।
इसमें कोई तुलना नहीं की गई है, बल्कि विशेषता बताई जाती है।
2. उत्तरावस्था
इसमें दो व्यक्ति, वस्तु के गुण व दोष की आपस में तुलना की जाती है।
जैसे-
तुम मेरे से बड़े हो।
वह तुम से अच्छी है।
अंकित मोहन से कम समझदार है।
3. उत्तमावस्था
इसमें किसी वस्तु, व्यक्ति को सबसे अधिक गुणशाली या दोषी बताया जाता है।
जैसे-
तुम सबसे अच्छे हो।
वह बहुत अच्छी लड़की है।
अन्य उदाहरण से समझें –
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
लघु | लघुतर | लघुतम |
अधिक | अधिकतर | अधिकतम |
कोमल | कोमलतर | कोमलतम |
सुन्दर | सुन्दरतर | सुन्दरतम |
उच्च | उच्चतर | उच्त्तम |
प्रिय | प्रियतर | प्रियतम |
निम्र | निम्रतर | निम्रतम |
महत् | महत्तर | महत्तम |
Visheshan शब्दों की रचना
विशेषण शब्दों की रचना संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, अव्यय आदि के साथ उपसर्ग, प्रत्यय आदि लगाकर की जाती है।
संज्ञा से विशेषण शब्दों की रचना
संज्ञा | विशेषण |
कथन | कथित |
धन | धनवान |
प्रदेश | प्रादेशिक |
बुद्ध | बौद्ध |
मृत्यु | मर्त्य |
रसायन | रासायनिक |
लघु | लाघव |
वन | वन्य |
संसार | सांसारिक |
उपयोग | उपयोगी,उपयुक्त |
आदर | आदरणीय |
अर्थ | आर्थिक |
ईश्वर | ईश्वरीय |
इच्छा | ऐच्छिक |
उन्नति | उन्नत |
क्रोध | क्रोधालु, क्रोधी |
गुण | गुणवान,गुणी |
चिंता | चिंतनीय,चिंतित |
जागरण | जागरित,जाग्रत |
दया | दयालु |
धर्म | धार्मिक |
समर | सामरिक |
नगर | नागरिक |
निंदा | निंदनीय |
परलोक | पारलौकिक |
पृथ्वी | पार्थिव |
बुद्धि | बौद्धिक |
मास | मासिक |
राष्ट्र | राष्ट्रीय |
लाभ | लभ्य |
विवाह | वैवाहिक |
सूर्य | सौर,सौर्य |
क्षेत्र | क्षेत्रीय |
आकर्षण | आकृष्ट |
अंत | अंतिम |
उत्कर्ष | उत्कृष्ट |
उपेक्षा | उपेक्षित,उपेक्षणीय |
ग्राम | ग्रामीण |
गर्व | गर्वीला |
जटा | जटिल |
तत्त्व | तात्त्विक |
दिन | दैनिक |
विनता | वैनतेय |
राधा | राधेय |
गंगा | गांगेय |
दीक्षा | दीक्षित |
निषेध | निषिद्ध |
पर्वत | पर्वतीय |
प्रकृति | प्राकृतिक |
भूमि | भौमिक |
मुख | मौखिक |
राजनीति | राजनीतिक |
लोभ | लुब्ध,लोभी |
श्रद्धा | श्रद्धेय,श्रद्धालु |
सभा | सभ्य |
अग्नि | आग्नेय |
अणु | आणविक |
आशा | आशित,आशावानी |
इच्छा | ऐच्छिक |
उदय | उदित |
कर्म | कर्मी,कर्मण्य |
गृहस्थ | गार्हस्थ्य |
घर | घरेलू |
जल | जलीय |
तिरस्कार | तिरस्कृत |
दर्शन | दार्शनिक |
कुंती | कौंतेय |
पुरस्कार | पुरस्कृत |
चयन | चयनित |
निश्र्चय | निश्चित |
पुरुष | पौरुषेय |
प्रमाण | प्रामाणिक |
भूगोल | भौगोलिक |
माता | मातृक |
लोहा | लौह |
वायु | वायवीय |
शरीर | शारीरिक |
हृदय | हार्दिक |
आदि | आदिम |
आयु | आयुष्मान |
इतिहास | ऐतिहासिक |
उपकार | उपकारक |
काँटा | कँटीला |
ग्रहण | गृहीत,ग्राह्य |
घाव | घायल |
जहर | जहरीला |
सर्वनाम से विशेषण शब्द की रचना
सर्वनाम | विशेषण |
कोई | कोई-सा |
कौन | कैसा |
मैं | मेरा/मुझ-सा |
तुम | तुम्हारा |
जो | जैसा |
वह | वैसा |
हम | हमारा |
यह | ऐसा |
क्रिया से विशेषण शब्द की रचना
क्रिया | विशेषण |
भूलना | भुलक्क़ड़ |
पीना | पियक्कड़ |
अड़ना | अड़ियल |
घटना | घटित |
पठ | पठित |
बेचना | बिकाऊ |
उड़ना | उड़ाकू |
खेलना | खिलाड़ी |
लड़ना | लड़ाकू |
सड़ना | सड़ियल |
लूटना | लुटेरा |
रक्षा | रक्षक |
कमाना | कमाऊ |
खाना | खाऊ |
अव्यय से विशेषण शब्द की रचना
अव्यय | विशेषण |
ऊपर | ऊपरी |
नीचे | निचला |
भीतर | भीतरी |
पीछे | पिछला |
आगे | अगला |
बाहर | बाहरी |
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